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चाहतों से आती है हर पल तेरी याद,
यही,,एक ज़िंदगी का सुहाना लम्हा तेरे लिए है ||
मैंने तुझे जब जब भी न देखने की कोशिश की है
तो बससससससस
मेरी आँखें बंद हुई है, ....... और
ना चाहते हुए भी तू मुझे नज़र आ ही जाती है | |
मैं जो भी हूँ अपने लिए हूँ
मैं जैसा भी हूँ अपने लिए हूँ
जब कोई बनाएगा मुझे अपनी चाहत से अपने लिए ,
मैं हर पल उसकी चाहत के लिए भी हूँ ||
अल्फाजों को मैं कैसे बनाऊं तेरे लिए ,
क्यों कि अल्फाज़ो की भी कमी हो जाती है तेरे सामने ||
ना चाह कर भी तू आयने सी लगती है ,
जब भी देखता हूँ खूबसूरत ही दिखती है ||
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